Priyanka Verma

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लेखनी कहानी - क्यों ना खुश मैं होऊं?

क्यों ना मैं खुश होऊं??

पल पल मिलती खुशियों से,
क्यों ना खुश मैं होऊं?
क्यों ज्यादा की आस में,
छोटी सफलताओं का जश्न, मैं ना मनाऊं?

बड़े लंबे सफर पर निकली हूं,
अकेली हूं मगर क्यों घबराऊं?
गिरने थकने को छोड़ कर,
पग पग बढ़ने पर क्यों ना मुस्कुराऊं?

आसानी से नहीं मिलता है, 
कुछ भी इस जीवन में,
तो क्यों ना अपने संघर्ष को,
हर तरह से सफल बनाऊं?
...क्यों ना, मैं खुश होऊं, 
...क्यों ना मैं खुश होऊं??


प्रियंका वर्मा
21/4/23

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2 Comments

Sachin dev

22-Apr-2023 09:01 AM

Nice

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Reena yadav

21-Apr-2023 05:30 PM

👍👍

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